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एक आदमी ने एक बहुत ही खूबसूरत लड़की से शादी की। शादी के बाद दोनो की ज़िन्दगी बहुत प्यार से गुजर रही थी। वह उसे बहुत चाहता था और उसकी खूबसूरती की हमेशा तारीफ़ किया करता था। लेकिन कुछ महीनों के बाद लड़की चर्मरोग (skinDisease) से ग्रसित हो गई और धीरे-धीरे उसकी खूबसूरती जाने लगी। खुद को इस तरह देख उसके मन में डर समाने लगा कि यदि वह बदसूरत हो गई, तो उसका पति उससे नफ़रत करने लगेगा और वह उसकी नफ़रत बर्दाशत नहीं कर पाएगी।
इस बीच एकदिन पति को किसी काम से शहर से बाहर जाना पड़ा। काम ख़त्म कर ज...ब वह घर वापस लौट रहा था, उसका एक्सीडेंट हो गया। एक्सीडेंट में उसने अपनी दोनो आँखें खो दी। लेकिन इसके बावजूद भी उन दोनो की जिंदगी सामान्य तरीके से आगे बढ़ती रही। समय गुजरता रहा और अपने चर्मरोग के कारण लड़की ने अपनी खूबसूरती पूरी तरह गंवा दी। वह बदसूरत हो गई, लेकिन अंधे पति को इस बारे में कुछ भी पता नहीं था। इसलिए इसका उनके खुशहाल विवाहित जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
वह उसे उसी तरह प्यार करता रहा। एकदिन उस लड़की की मौत हो गई। पति अब अकेला हो गया था। वह बहुत दु:खी था. वह उस शहर को छोड़कर जाना चाहता था।
उसने अंतिम संस्कार की सारी क्रियाविधि पूर्ण की और शहर छोड़कर जाने लगा. तभी एक आदमी ने पीछे से उसे पुकारा और पास आकर कहा, “अब तुम बिना सहारे के अकेले कैसे चल पाओगे? इतने साल तो तुम्हारी पत्नितुम्हारी मदद किया करती थी.” पति ने जवाब दिया, “दोस्त! मैं अंधा नहीं हूँ। मैं बस अंधा होने का नाटक कर रहा था। क्योंकि यदि मेरी पत्नि को पता चल जाता कि मैं उसकी बदसूरती देख सकता हूँ, तो यह उसे उसके रोग से ज्यादा दर्द देता।
इसलिए मैंने इतने साल अंधे होने का दिखावा किया. वह बहुत अच्छी पत्नि थी. मैं बस उसे खुश रखना चाहता था.” .. ...
सीख-- खुश रहने के लिए हमें भी एक दूसरे की कमियो के प्रति आखे बंद कर लेनी चाहिए.. और उन कमियो को नजरन्दाज कर देना चाहिए...
आप लोगों को यह कहानी कैसी लगी मित्रों जवाब जरूर दीजिएगा।
हिमाचली धाम खाणे दा मजा तां पंदी पर बई के पत्तली च खाणे दा ई औंदा।
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#जय_हिमाचल


हिमाचली में जागरण की एक झलक
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आज पिहड़ी गलोटी पंचायत के गांव गली मे दोपहर के बाद रमेश चंद पुत्र भगत राम के घर आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और देखते देखते चार कमरों का मकान स्वाह हो गया जब मकान मे आग लगी उस समय घर पर सिर्फ बच्चे ही थे आग इतनी भयंकर थी कि गांव के लोगों के पहुंचने से पहले ही 70 पर्तिशत मकान जल गया था।
रमेश चंद्र एक गरीब परिवार से समंद रखता है और उसके पांच छोटे छोटे बच्चे है रमेश चंद दिहाडी लगा कर परिवार का भरण पोषण करता है लोगों ने बताया कि फायर बिग्रेड की गाड़ी तीन घंटे बाद भी नही पहुंची थी जिससे लोगों में रोष है स्थानीय प्रशासन तहसीलदार खुंडिया ने फोरी राहत के तौर पर पांच हजार की राशि दी ,लोगों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है मकान के अंदर जो भी समान था सब आग की भेंट चढ़ गया
Hamara Himachal ,Payara Himachal shared Hamirpur's video.
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Hamara Himachal ,Payara Himachal shared Being Pahadi's post.
दोस्तो ये सरला देवी हैं गांव राजनगर संसाई तहसील बैजनाथ की रहने वाली हैं । और ये अपनी जिंदगी के सबसे बदतरीन दिन काट रही हैं #दाड़ी वृद्धाश्रम धर्मशाला में। आप खुद विडियो में इनकी हालत का अंदाजा लगा सकते हैं..
ये एक सैनिक की विधवा हैं। इनके पति की ओन ड्यूटी 1968 में एक एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। जिस वक्त ये विधवा हुईं इनकी शादी को ग्यारह महीने हुए थे। इनको पेंशन मिलती थी लेकिन समाज के जुल्मो की बजह से इनका मानसिक संतुलन खो गया फिर इनकी पेंशन भी बंद कर दी गई। सालों ये संसाई के... बस स्टैंड के सल्टर में रहीं।लोगों के रहमोकरम पर जीती रहीं। चूँकि इनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं था तो आप अंदाजा लगा सकते हैं की इनके साथ क्या क्या हुआ होगा। मैंने इनको कभी नग्न कभी अर्धनग्न हालत में कई बार गालियाँ देते हुए देखा है। पांच छह साल पहले इनकी टांगे अकड़ गई थीं और ये जानवरों की तरह चलती थीं तब मैंने इनको सोशलमिडिया में शेयर किया था और तब शांता कुमार बहुत द्रवित हुए थे इनके बारे में जानकार। उन्होंने इनको दाड़ी वृद्धाश्रम भिजवा दिया था और भी वहुत लोग फोटो सेशन के लिए आए थे।
लेकिन दोस्तो असली कहानी शुरु होती है अब
अगर किसी सैनिक की विधवा अपना मानसिक संतुलन खो कर अपने सारे कागजात खो देती है तो सेना की उसके लिए क्या जिम्मेदारी बनती है...
अगर किसी के बच्चे न हों तो समाज की क्या जिम्मेदारी बनती है
क्या इनको महज इसलिए इस हालत में पड़े रहना दिया जाए की अगर कोई कार्रवाई होती है तो सारा पैसा चोर उच्चके खाएंगे। इस लिए ऐसे ही ठीक है
मैं पिछले छह साल से इनके लिए लड़ रहा हूं लेकिन कोई खास हासिल नहीं हुआ शिवाय वृद्धाश्रम में भेजने के
आईये दोस्तो सब मिलकर लड़ते हैं एक विधवा लड़की इक्कीस साल की जिसके साथ हर तरह का जुल्म हुआ है और जो अब 70 साल की बुजुर्ग हो गई है।
अगर हम मिल कर आवाज उठाएं तो इनकी जिंदगी की सांझ की वेला को कम तकलीफदेह बना सकते हैं।
प्लीज शेयर कीजिए हो सकता है आपके शेयर से सरकार की सेना की आंखे खुल जाएं... आपकी जानकारी के लिए बता दूं इनकी दोनों टांगे काम नहीं करती एक बाजू भी काम नहीं कर रहा...
दोस्तो ये सरला देवी हैं गांव राजनगर संसाई तहसील बैजनाथ की रहने वाली हैं । और ये अपनी जिंदगी के सबसे बदतरीन दिन काट रही हैं #दाड़ी वृद्धाश्रम धर्मशाला में। आप खु...द विडियो में इनकी हालत का अंदाजा लगा सकते हैं..
ये एक सैनिक की विधवा हैं। इनके पति की ओन ड्यूटी 1968 में एक एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। जिस वक्त ये विधवा हुईं इनकी शादी को ग्यारह महीने हुए थे। इनको पेंशन मिलती थी लेकिन समाज के जुल्मो की बजह से इनका मानसिक संतुलन खो गया फिर इनकी पेंशन भी बंद कर दी गई। सालों ये संसाई के बस स्टैंड के सल्टर में रहीं।लोगों के रहमोकरम पर जीती रहीं। चूँकि इनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं था तो आप अंदाजा लगा सकते हैं की इनके साथ क्या क्या हुआ होगा। मैंने इनको कभी नग्न कभी अर्धनग्न हालत में कई बार गालियाँ देते हुए देखा है। पांच छह साल पहले इनकी टांगे अकड़ गई थीं और ये जानवरों की तरह चलती थीं तब मैंने इनको सोशलमिडिया में शेयर किया था और तब शांता कुमार बहुत द्रवित हुए थे इनके बारे में जानकार। उन्होंने इनको दाड़ी वृद्धाश्रम भिजवा दिया था। संजय शर्मा जी जो स्वयं सेवी हैं उन्होंने इनके लिए काफी प्रयास किया था। और भी वहुत लोग फोटो सेशन के लिए आए थे।
लेकिन दोस्तो असली कहानी शुरु होती है अब
अगर किसी सैनिक की विधवा अपना मानसिक संतुलन खो कर अपने सारे कागजात खो देती है तो सेना की उसके लिए क्या जिम्मेदारी बनती है...
अगर किसी के बच्चे न हों तो समाज की क्या जिम्मेदारी बनती है
क्या इनको महज इसलिए इस हालत में पड़े रहना दिया जाए की अगर कोई कार्रवाई होती है तो सारा पैसा चोर उचक्के खाएंगे। इस लिए ऐसे ही ठीक है
मैं पिछले छह साल से इनके लिए लड़ रहा हूं लेकिन कोई खास हासिल नहीं हुआ शिवाय वृद्धाश्रम में भेजने के
आईये दोस्तो सब मिलकर लड़ते हैं एक विधवा लड़की इक्कीस साल की जिसके साथ हर तरह का जुल्म हुआ है और जो अब 70 साल की बुजुर्ग हो गई है।
अगर हम मिल कर आवाज उठाएं तो इनकी जिंदगी की सांझ की वेला को कम तकलीफदेह बना सकते हैं।
प्लीज शेयर कीजिए हो सकता है आपके शेयर से सरकार की सेना की आंखे खुल जाएं... आपकी जानकारी के लिए बता दूं इनकी दोनों टांगे काम नहीं करती एक बाजू भी काम नहीं कर रहा...